विवाह में देरी
विवाह में देरी का कारण विवाह नहीं हो रहा, क्या कारण है विवाह नहीं होने के कारण एवं उपाय शीघ्र विवाह का उपाय ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सातवां भाव विवाह का होता है, विवाह के लिए इस भाव अथवा स्थान को शुभ होना चाहिए, विवाह में यदि देरी हो रही है तो जन्मकुंडली का विश्लेषण अवश्य करवाना चाहिए। यदि कुंडली का सप्तम भाव अशुभ ग्रहों से दृष्ट हो, अशुभ ग्रहों के साथ सप्तमेश की युति हो तो विवाह में देरी होती है। विवाह के लिए अशुभ ग्रहों की शांति और सप्तमेश को बल देने हेतु ज्योतिष में वर्णित उपाय करने से शीघ्र विवाह होने के योग बनते हैं। मांगलिक दोष के कारण भी विवाह में देरी होती है, कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण या मंगल का कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम एवं द्वादश भाव में होने के कारण मांगलिक दोष बनता है और मांगलिक दोष का उपाय करने के पश्चात शीघ्र विवाह होने के योग बनते हैं। मंगलवार के दिन गाय को चारा और एक रोटी पर चने की दाल एवं गुड़ खिलाने से मंगल ग्रह का दुष्प्रभाव काम होता है और विवाह शीघ्र सम्पन्न होता है। गुरुवार के दिन इस उपाय को पुनः करने से भी वर-कन्या का शीघ्र विवाह हो जाता है।