माणिक्य : धनु लग्न में सूर्य भाग्येश (नवमेश) होने से बहुत ही शुभ हो गया है इसलिए सूर्य का रत्न माणिक्य पहनना शुभ होता है | व्यक्ति के भाग्योदय में पूर्ण सहायता मिलती है | यदि सूर्य धनु या मीन राशि में हो तो व्यक्ति को जीवनभर माणिक्य धारण करना चाहिए |
मोती : चंद्रमा इस लग्न कुंडली में अष्टमेश का स्वामी होने से अत्यंत ही अशुभ होता है| यदि चंद्रमा धनु, मीन मेष या सिंह राशि में हो तो मोती पहनने से लाभ होगा |
मूंगा : मंगल इस लग्न कुंडली में पंचमेश तथा द्वादशेश होता है, चूँकि मंगल से ब्रहस्पति की मित्रता है और व्यय भाव में मंगल का ज्यादा बुरा परिणाम भी नहीं होता अतः मंगल की दशा व अन्तर्दशा आने पर मूंगा धारण किया जा सकता है |
पन्ना : धनु लग्न बुध सप्तमेश होकर मारक (अशुभ) हो गया है तथा दशमेश (राज्येश) भी है, यदि चंद्रमा मिथुन या कन्या राशि में हो तब ही पन्ना पहनना व्यक्ति के हित में होगा | यदि अन्य किसी भी राशि में हो तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए |
पुखराज : धनु लग्न में ब्रहस्पति लग्नेश होने से इसे केंद्राधिपति का दोष नही लगता अतः निःसंकोच पुखराज धारण करना व्यक्ति के हित में होगा |
हीरा : धनु लग्न में शुक्र षष्टेश और एकादशेश है, इस कारण से इस लग्न कुंडली में शुक्र का रत्न हीरा नहीं पहनना चाहिए |
नीलम : धनु लग्न की कुंडली में शनि द्वितीयेश (मारक) और तृतीयेश दो भावों का स्वामी होता है तथापि शनि से ब्रहस्पति की शत्रुता भी है इसलिए इस लग्न कुंडली में शनि का नीलम नहीं पहनना ही व्यक्ति के हित में होगा | at
